धर्मबीर कम्बोज की प्रेरणादायक कहानी

धर्मवीर का बचपन भयंकर आर्थिक तंगी में बीता। एक समय था जब धर्मवीर कंबोज अपनी बेटी की स्कूल फीस का भुगतान भी नहीं कर सकते थे। आटा पीसने से लेकर सरसों का तेल बेचने तक जो भी काम मिला उन्होंने किया। à¤µà¤¿à¤µà¤¾à¤¹ के बाद जिम्मेदारियां बढ़ने के कारण उन्हें लगने लगा के गाँव में रह कर दो वक्त की रोटी कमाना भी नामुमकिन है। गुज़र बसर के लिये केवल 3 दिन की बेटी हो छोड़ वे दिल्ली चले गए। जेब में कुल 70 रुपये थे जिसमें से 35 रुपये किराये में खर्च हो गये। कड़ाके की ठंड में दिल्ली पहुंचे और एक रिक्शा किराये पर ले लिया और दिन रात रिक्शा चलाना शुरू किया। कहावत है गरीबी में आटा गीला - एक दिन रिक्शा चलाते हुये किसी वाहन की चपेट में आ गये और एक्सीडेंट के कारण उन्हें वापिस गाँव की तरफ वापस रुख करना पड़ा। 

गाँव वापिस आकर उन्होंने पैतृक ज़मीन पर खेती शुरू कर दी। पारम्परिक अनाज की खेती न करके सब्ज़ियाँ उगानी शुरू की। उन्होंने मशरूम और स्ट्रॉबेरी की फसल लगाई तो उनको कई गुणा मुनाफा हुआ। यहाँ से उनका समय बदलना शुरू हो गया। 

कहाँ से मिली प्रेरणा

एक बार वे किसानों के एक समूह के साथ राजस्थान के पुष्कर गए। वहां उन्होंने देखा सेल्फ-हेल्प ग्रुप से जुड़ी महिलाएँ खुद गुलाब जल बना रही थी। वहां उन्होंने महिलाओं को आंवले के लड्डू भी बनाते देखा। वो समझ गए कि कोई भी सब्ज़ी, फल, फूल आदि की खेती में फायदा तब है जब किसान अपनी उपज को सीधे बाज़ार में बेचने की बजाय उसकी प्रोसेसिंग करके और प्रोडक्ट्स बनाकर बाज़ार में बेचे।

मशीन का अविष्कार

धर्मवीर à¤•à¥‹ पढ़ाई में कोई खास रूचि नहीं थी, लेकिन जुगाड़ से छोटी-मोटी मशीन बनाना उन्हें अच्छा लगता था। धर्मबीर ने एक ऐसी मशीन बनाने की ठान ली जिससे एलोवेरा, आंवला, तुलसी, आम, अमरुद आदि को प्रोसेस किया जा सके। 8 महीने के अथक परिश्रम और इनोवेशन की बदौलत उन्होंने मात्र 20,000 की लागत से मल्टी प्रो नामक एक à¤ªà¥à¤°à¥‹à¤¸à¥‡à¤¸à¤¿à¤‚ग मशीन तैयार की। यह मशीन सिंगल फेज मोटर पर चलती है और इसकी गति को नियंत्रित किया जा सकता है। यह मशीन पोर्टेबल है और इसे आसानी से कहीं भी लाया-ले जाया जा सकता है। 

धर्मवीर ने इस मशीन को अपने खेत पर रखकर फार्म फ्रेश प्रोडक्ट बनाने शुरू किये। उन्होंने अपने खेत में उगने वाले पदार्थो को सीधा प्रोसेस करके, उनके कैंडी, जैल, ज्यूस, जैम आदि प्रोडक्ट बनाकर बेचना शुरू कर दिया। साथ ही धर्मवीर ने मशीन का 'पेटेंट' भी करवा लिया।

सफलता की ऊंचाइयों को à¤›à¥‚ते à¤§à¤°à¥à¤®à¤¬à¥€à¤°

2009 में नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन ने धर्मवीर को उनके द्वारा बनाई गई मशीन के लिये सम्मानित किया। उनके बारे में जब कई अख़बारों ने छापा।  इसके बाद उन्हें मशीन के लिए पूरे देश से ऑर्डर आने शुरू हो गए। उन्होंने मशीन की मैन्युफैक्चरिंग बढ़ाने के लिये एक लघु उद्योग लगा लिया। उनकी मशीन केवल भारत में ही मशहूर नहीं हुई थी बल्कि देश के बाहर जापान, दक्षिण अफ्रीका, केन्या, नेपाल और नाईज़ीरिया जैसे देशों से भी उन्हें मशीन बनाने के ऑर्डर आने लगे। 

दिल्ली की कड़कती सर्दी में फुटपाथ पर सोने वाले रिक्शा चालक ने अपने जूनून और मेहनत से आज एक अंतरराष्ट्रीय ब्रैंड को स्थापित कर दिया है। उनकी कहानी हम सबके लिए एक प्रेरणा है। à¤‰à¤¨à¤•à¥‡ बारे में और अधिक जानने के लिए दिए गए लिंक को क्लिक करें http://kissandharambir.com/



धन प्राप्ति के उपाय

धन प्राप्ति के लिए यहाँ अनेक उपाय à¤
Read More...

100 Business Ideas

To start business and get better profit, you should have a profitable and in demand busi
Read More...

गूगल ऐडसेंस से कमाई

Income from Google Adsense in HindiGoogle AdSense गूगल द्वारा चलà¤
Read More...

Starting online business without any investment

Are  you curious - Where I can start an online Business without investing any pe
Read More...

डेव रामसे की बेहतरीन वित्तीय योजना

डेव रामसे की बेहतरीन वित्तीय योजनà
Read More...

गांव में रहकर अच्छी कमाई वाले बिज़नेस

अनेक ऐसे बिज़नेस हैं जिनके द्वारा आ
Read More...

कर्ज से मुक्ति के सरल उपाय

Astrological remedies to get rid of debt in hindi मनुष्य जीवन मेà
Read More...

What are the genuine sources to earn online?

Here is list of various sources from where you can earn online BloggingWriting Paid Ar
Read More...

गोल्ड फंड क्या होते हैं

गोल्ड फंड वे फंड हैं जिसमे हम गोल्à¤
Read More...